मौन रहकर भी सदा तुम बोलते अधिकार से हो, बंद हो तुम सीप जैसे तुम खुले अखबार से हो । मौन रहकर भी सदा तुम बोलते अधिकार से हो, बंद हो तुम सीप जैसे तुम खुले अखबार से...
मैंने देखा, समय की आंखों से अश्रु धारा को बहता ! मैंने देखा, समय की आंखों से अश्रु धारा को बहता !
आपस में कट्टी तोड़कर, दोस्ती को आगे बढ़ाओ। आपस में कट्टी तोड़कर, दोस्ती को आगे बढ़ाओ।
गाँव में नई दीवारें गाँव में नई दीवारें
किसी भी बेटी के लिए सबसे कठिन समय विदाई का होता है, जब वह अपने पिता को अलविदा कहती है। यह कविता मैंन... किसी भी बेटी के लिए सबसे कठिन समय विदाई का होता है, जब वह अपने पिता को अलविदा कह...
करता वह हड़ताल, बखूबी रोष जताता। करता वह हड़ताल, बखूबी रोष जताता।